राजा ने इनकी दलीले सुन कर इन्हे वापस भेज दिया और चूहों को बुला कर कहा-चूंकि जंगल का नियम हैं इसलिए तुम्हें एक रक्षक तो रखना ही पड़ेगा, ये तुम्हारा शोषण भी करेंगे और तुम्हें खाएँगे भी क्योंकि ये इनका प्राकृतिक स्वभाव हैं जो जाने वाला नहीं हैं.
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एक मनुष्य को स्वार्थी जीव मानती है, जो पैसे के पीछे लालायित है, जिसे एक ही नियम पता है भयंकर प्रतिस्पर्धा का नियम, सारतत्त्व में जंगल का नियम ; जबकि दूसरी उसे एक कमजोर, निष्प्राण वस्तु के रूप में देखती है, जो कठोर नियमों से संचालित है और जब तक निर्देश न मिलें, कुछ भी करने में अक्षम है।